सामाजिक कार्यकर्ता एवं साहित्यकार श्रीमती जूही जैन ‘हिंदू रत्न अवार्ड’ से सम्मानित

सामाजिक कार्यकर्ता एवं साहित्यकार श्रीमती जूही जैन ‘हिंदू रत्न अवार्ड’ से सम्मानित


नीमच। समाजसेवा, साहित्य, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाली नीमच की सामाजिक कार्यकर्ता एवं साहित्यकार श्रीमती जूही जैन को 23 नवंबर, रविवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में प्रतिष्ठित ‘हिंदू रत्न अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें विशेष रूप से शिक्षा और युवा पीढ़ी के उन्नयन में उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिए प्रदान किया गया। 



पिछले चार वर्षों से सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में कार्यरत श्रीमती जूही जैन को विद्यालय के बच्चों से ही वह प्रेरणा मिली, जिसने उन्हें समाज और नई पीढ़ी के लिए अधिक संवेदनशील, समर्पित और सक्रिय बनाया। विद्यालय में बच्चों के व्यवहार, संस्कार और जरूरतों को निकट से देखते हुए उन्होंने समझा कि युवा पीढ़ी को सही दिशा और संस्कार देने की कितनी आवश्यकता है। इसी सोच ने उन्हें शिक्षा, संस्कार और समाजसेवा के क्षेत्र में व्यापक कार्य करने की प्रेरणा दी।

बच्चों और युवाओं के व्यक्तित्व विकास, संस्कार निर्माण और सकारात्मक मार्गदर्शन के लिए उन्होंने अनेक रचनात्मक कार्यक्रमों का संचालन किया, जिनके प्रभाव को देखते हुए उन्हें शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में यह राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। श्रीमती जूही जैन का मानना है कि बच्चे ही राष्ट्र का भविष्य हैं, और यदि उन्हें सही मार्गदर्शन मिले तो समाज स्वाभाविक रूप से प्रगति की ओर बढ़ता है। इसी दृष्टिकोण से वे निरंतर सक्रिय रहते हुए समाज में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करती रही हैं।

हिंदू रत्न अवार्ड प्राप्त करना उनके कार्यों की राष्ट्रीय स्तर पर मिली बड़ी मान्यता है। इससे पहले भी उन्हें विभिन्न साहित्यिक, सामाजिक और महिला सशक्तिकरण मंचों पर कई सम्मान मिल चुके हैं, किंतु यह सम्मान उनके लिए विशेष इसलिए है क्योंकि यह सीधे शिक्षा, संस्कार और युवा पीढ़ी के लिए किए गए उनके वास्तविक और निष्ठापूर्ण कार्यों का परिणाम है। श्रीमती जूही जैन का समर्पण, उनकी संवेदना और समाजहित की भावना आज नीमच ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय बन चुकी है।