उदयपुर।यूडीए द्वारा 6 नवंबर को पेराफेरी क्षेत्र में की गई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद विरोध तेज हो गया है। शहर के बाहरी गांवों के हजारों लोग आज जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और ‘पट्टा दो—घर मत तोड़ो’ की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कहा कि दशकों से बसे परिवारों को बिना समाधान के उजाड़ा जा रहा है, जबकि 2000 से अधिक पट्टों की फाइलें यूडीए में लंबित पड़ी हैं।
प्रदर्शन में पेराफेरी संघर्ष समिति, महिलाओं के समूह, ग्रामीणों के साथ दोनों प्रमुख दलों के नेता भी पहुंचे। नेताओं ने इसे गैर राजनीतिक आंदोलन बताते हुए कहा कि कार्रवाई से पहले पट्टे जारी किए जाने चाहिए।
ग्रामीणों का आरोप है कि गरीब और आदिवासी परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है, समाधान की कोई व्यवस्था नहीं है और वर्षों से बसे परिवारों को ‘अतिक्रमणकारी’ बताकर नोटिस दिए जा रहे हैं। संघर्ष समिति का कहना है कि राज्य सरकार पहले ही पुराने काबिजों को पट्टा देने का आदेश जारी कर चुकी है, लेकिन न सत्यापन हो रहा है और न फाइलों पर कार्रवाई।
संयोजक चंदन सिंह देवड़ा ने चेतावनी दी कि जल्द पट्टा नीति स्पष्ट नहीं हुई तो आंदोलन और बड़ा किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि पेराफेरी क्षेत्र ने हमेशा शहर के विस्तार में योगदान दिया है, ऐसे में यहां के परिवारों को अस्थिरता में रखना गलत है।
