नीमच।विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान मालवा प्रांत, मंदसौर विभाग एवं बाल विवेकानंद कल्याण समिति के मार्गदर्शन में संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, नीमच (CBSE) में सप्तशक्ति संगम 2025 का भव्य आयोजन उत्साह, गरिमा एवं सुसंस्कृत वातावरण के साथ सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीमती डॉ. निरुपमा झा, विशिष्ट अतिथि सुश्री सरिता कश्यप, श्रीमती शिवा मित्तल एवं विद्यालय प्राचार्य श्रीमती कविता जिंदल द्वारा मां भारती, मां सरस्वती एवं प्रणव अक्षर ‘ॐ’ के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया।
वंदना एवं वातावरण निर्मित गीत ने पूरे परिसर को दिव्यता तथा सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मातृशक्ति को परिवार एवं समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण एवं आधारभूत भूमिका को सम्मान देना भारतीय संस्कृति, आदर्शों और मूल्यों को परिवार तक पहुंचाना।कुटुंब प्रबोधन, संस्कार एवं चरित्र-निर्माण का संदेश प्रसारित करना।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
स्वागत व अतिथि परिचय
स्वागत परिचय श्रीमती नीतू सोनी द्वारा किया गया।
अतिथि स्वागत क्रम—
• डॉ. निरुपमा झा – निर्मला दीदी
• सुश्री सरिता कश्यप – अंजलि दीदी
• श्रीमती शिवा मित्तल – रंजन दीदी
• प्राचार्य कविता जिंदल – मीनाक्षी दीदी
समूह गीत – “हम ही मातृशक्ति हैं”
श्रीमती ममता मंत्री एवं पीयूषा पाराशर द्वारा प्रस्तुत इस गीत ने कार्यक्रम में उत्साह व ऊर्जा का संचार किया।
प्रस्तावना – श्रीमती शिवा मित्तल
इन्होंने सप्तशक्ति के सात स्तंभ — श्री, वाक्, स्मृति, मेधा, धृति, क्षमा एवं कीर्ति का विस्तृत वर्णन करते हुए मातृशक्ति की महत्ता को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
कुटुंब प्रबोधन – सुश्री सरिता कश्यप
कश्यप जी ने भारतीय परिवार-व्यवस्था, संस्कार-संपन्न वातावरण, दायित्व और नारी भूमिका पर सारगर्भित उद्बोधन दिया।
उन्होंने 6 भ — भोजन, भजन, भाषा, भवन, भाव, भक्ति — के महत्व को अत्यंत सरल एवं प्रेरक ढंग से समझाया।
प्रश्नोत्तरी – मीनाक्षी नाहर ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी ने मातृशक्तियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की।
प्रेरक महिला वेशभूषा प्रस्तुति
मातृशक्तियों ने ऐतिहासिक व प्रेरक नारी-चरित्रों का अत्यंत प्रभावशाली जीवंत प्रदर्शन किया—
• झांसी की रानी – सपना दीदी
• कैप्टन लक्ष्मी सहगल – निष्ठा दीदी
• माता सीता – प्रांजल दीदी
• किरण बेदी – रीना दीदी
• रानी पद्मिनी – माया दीदी
• मीराबाई – अंगूरबाला दीदी
इन प्रस्तुतियों ने नारी–शौर्य, कर्तव्य, त्याग और आदर्शों का अद्भुत संदेश दिया।
मुख्य विषय वक्ता – श्रीमती माया दवे ने नारी की सामाजिक भूमिका, परिवार में उनका नेतृत्व, मातृशक्ति की आंतरिक शक्ति तथा विद्या भारती की संस्कृति-आधारित शिक्षा पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया।उन्होंने कहा नारी परिवार का हृदय और समाज की धड़कन है।”
सांस्कृतिक नृत्य – ‘मणिकर्णिका’सपना दीदी, राधा दीदी, रीना दीदी, प्रज्ञा दीदी, सुनीता दीदी, अर्पिता दीदी और पूजा दीदी द्वारा प्रस्तुत ‘मणिकर्णिका’ नृत्य कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा।देशभक्ति, त्याग और नारी-शौर्य पर आधारित यह प्रस्तुति दर्शकों के बीच खूब सराही गई।
अध्यक्षीय उद्बोधन – डॉ. निरुपमा झा ने मातृशक्ति को राष्ट्र निर्माण का केन्द्र बताते हुए कहा जब माता जाग्रत होती है, तब समाज जाग्रत होता है।”उनका उद्बोधन अत्यंत प्रेरक और विचारोत्तेजक रहा।
अनुभव कथन – श्रीमती राधा बोहरा ने मातृशक्तियों को भावुक एवं प्रेरित किया।
संकल्प वाचन – श्रीमती अलका चोपड़ा सभी मातृशक्तियों ने संस्कार, कर्तव्य, परिवार एवं समाज सेवा हेतु सामूहिक संकल्प लिया।
मातृशक्ति सम्मान समारोह:
मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित मातृशक्तियाँ—
• श्रीमती अरुणा जोशी — विशेष उपलब्धि
• श्रीमती इंद्रावती अहीर — संयुक्त परिवार सम्मान
• श्रीमती पंकज धींग — पर्यावरण संरक्षण
• श्रीमती दीपा राठौड़ — कर्तव्य-निष्ठा सम्मान
आभार प्रदर्शन श्रीमती शिल्पी राठौर द्वारा किया गया।कार्यक्रम का संचालन श्रीमती सुरभि सिंहल ने अत्यंत सुंदरता व सहजता से किया।समापन शांति मंत्र के साथ हुआ।कार्यक्रम ने सिद्ध किया कि“मातृशक्ति ही सुसंस्कृत समाज और उज्ज्वल राष्ट्र की आधारशिला है।”
